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शब्दयोग सत्संग
२१ अगस्त २०१८
रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली
एक तरफ राम अवतार हैं, और दूसरे सिरे पर वो उसकी ओर इशारा करते हैं जो व्यक्ति से पार की बात करते हैं। एक राम तो वो हैं, जो दशरथ के बेटे थे, इतिहास का पात्र थे, जिन्होंने जीवन जीया, लीलाएँ की, और दूसरे राम वो है, जिनकी ओर कबीर इशारा करते हैं।
प्रसंग:
राम कौन है?
क्या राम - निराकार भी, साकार भी?
राम कौन से युग में पैदा हुए?
कबीर के राम कौन है?
मन में राम को कैसे बसाएं?
जीवन को राममय कैसे बनाएं?
रामचरितमानस को कैसे समझें?
क्या राम ही जीवन का आधार हैं?
आज के राम कैसे दिखेंगे?
श्री राम को मर्यादा पुरूषोत्तम राम क्यों कहा जाता है?
मर्यादित और अमर्यादित होने का क्या अर्थ है?
क्या प्रत्येक युग के साथ राम बदल जाते हैं, अलग-अलग हो जाते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते